जयपुर: राजस्थान के डीग जिले की कामां विधायक नौक्षम चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस के समर्थित प्रधान को हटाकर बीजेपी समर्थित व्यक्ति को पदस्थ करना चाहिए। उनके इस बयान ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम पर सवाल उठाया कि नगर पंचायत में कांग्रेस समर्थित प्रधान क्यों बने हुए हैं। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और बीजेपी को सफाई देनी पड़ी।
बीजेपी की प्रतिक्रिया और विधायक से जवाब तलब
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने नौक्षम के बयान को पार्टी की परंपरा और सिद्धांतों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, “चुने हुए प्रतिनिधि को हटाना बीजेपी का तरीका नहीं है; यह कांग्रेस की परंपरा रही है।” राठौड़ ने नौक्षम से स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि उन्हें सार्वजनिक मंच पर बोलने का तरीका समझाया जाएगा। इसे बीजेपी की लोकतांत्रिक छवि बनाए रखने का प्रयास माना जा रहा है।
कांग्रेस का पलटवार: लोकतंत्र पर सवाल
कांग्रेस ने नौक्षम के बयान को लोकतंत्र की हत्या का प्रमाण बताते हुए हमला किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “बीजेपी सत्ता का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कुचल रही है। नौक्षम ने सच्चाई उजागर की।” उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की परंपरा से वोटों की अहमियत खत्म हो जाएगी।
सियासी माहौल में बेचैनी
नौक्षम चौधरी का बयान बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर गया है। पार्टी के अंदर बेचैनी बढ़ी है, वहीं कांग्रेस को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिला है। यह विवाद राजस्थान की सियासत में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रह सकता है।