कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि सीकर को अलग संभाग और नीमकाथाना को ज़िला बनाने की मांग लंबित है लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. यमुना जल योजना को लेकर पिछले एक साल से सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं जबकि अब तक उसकी डीपीआर तक तैयार नहीं हुई है.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रविवार को सीकर जिले के धोद क्षेत्र में आयोजित जिला स्तरीय वन महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए, लेकिन इस आयोजन को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इसे आंकड़ों की बाजीगरी, जनता से छल और सीकर जिले की उपेक्षा करार दिया।

11 हजार पौधों का दावा, असल में गड्ढे ही नहीं थे
डोटासरा ने आरोप लगाया कि सरकार ने 11 हजार पौधे लगाने का दावा किया, जबकि ज़मीनी हकीकत यह है कि सिर्फ 3 हजार गड्ढे ही खुदवाए गए और पूरे जिले में मुश्किल से 2 हजार पौधे भी नहीं लगाए गए। कई जगह पौधों को प्लास्टिक सहित गड्ढों में डाल दिया गया, जिससे साफ होता है कि इन्हें कार्यक्रम के बाद निकालने की मंशा पहले से थी।

जनता नदारद, कर्मचारियों से भर दी भीड़
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में आमजन की भागीदारी नाममात्र रही, इसलिए प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों को भीड़ के लिए लगाया। सबसे अफसोसजनक बात यह रही कि धोद क्षेत्र के स्थानीय सरपंचों और जनप्रतिनिधियों को बुलाने के बावजूद मंच से दूर रखा गया।

सीकर को हमेशा नज़रअंदाज़ किया जा रहा है
डोटासरा ने मुख्यमंत्री पर सीकर की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार जिले में आने के बावजूद उन्होंने आज तक जिले के विकास को लेकर एक भी ठोस घोषणा नहीं की। राज्य में सोलर कंपनियों द्वारा पेड़ों की कटाई जारी है, लेकिन सरकार इस पर मौन है।

घोषणाएं बहुत, काम कुछ नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि यमुना जल योजना पर सिर्फ घोषणाएं हुई हैं, जबकि डीपीआर तक तैयार नहीं हुई। मास्टर प्लान के नाम पर किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं, लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है। वहीं, सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग भी अब तक अनसुनी पड़ी है।

डोटासरा के इन आरोपों ने वन महोत्सव जैसे पर्यावरणीय कार्यक्रम को भी सियासी बहस के केंद्र में ला खड़ा किया है।

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