तेजस्वी यादव ने कहा कि लोगों का वोट का अधिकार छीनने वाला काम किया जा रहा है। उनके अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की जा रही है। विपक्ष एसआईआर के विषय पर सदन में चर्चा करना चाहता था।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। कहा है कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और यहीं से लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। यह सब काम बीजेपी के इशारे पर किया जा रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने महत्वपूर्ण विषय पर सदन में चर्चा भी नहीं कराना चाहते। मंगलवार को तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी समेत विपक्ष के लगभग सभी नेता काला ड्रेस पहनकर मानसून सत्र में भाग लेने पहुंचे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि लोगों का वोट का अधिकार छीनने वाला काम किया जा रहा है। उनके अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की जा रही है। विपक्ष एसआईआर के विषय पर सदन में चर्चा करना चाहता था। लेकिन सरकार के लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए। पहले वोटर लिस्ट से नाम काटा जाएगा फिर उन्हें राशन कार्ड समेत अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग कौन होता है नागरिकता तय करने वाला। यह तो गृह मंत्रालय का काम है। बिहार विधानसभा लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। एसआईआर पर यहां चर्चा होना चाहिए। क्या कारण है कि सरकार भाग रही है। किस बात का डर सता रहा है। चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाया लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा। आयोग ने कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया। सामने आकर जवाब देने से डर क्यों?
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग का काम वोटर को जोड़ना है और निष्पक्ष चुनाव कराना है। लेकिन अभी तो यह पार्टी विशेष का प्रकोष्ठ बनकर काम कर रहा है। हम लोग गरीब वोटर के वोट से चुनकर आते हैं। उनके साथ कोई अन्याय होगा तो कैसे बर्दाश्त कर लेंगे। अगर वोटर फर्जी हैं तो उन्हीं लोगों ने प्रधानमंत्री को चुना है। लगातार सांसद, विधायक सवाल उठा रहे हैं। पर ड्राइव चल रहा है। इसे रोकना होगा।