संसद का मानसून सत्र लगातार दो दिनों से हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। विपक्ष जहां बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची में हो रहे बदलाव को लेकर हंगामा कर रहा है, वहीं सरकार इसे संवैधानिक प्रक्रिया बता रही है और चर्चा के लिए तैयार है। इस दौरान दोनों ओर से कई आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए।

संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की कार्यवाही विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष की प्रमुख मांग थी कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा कराई जाए और इस प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए। साथ ही, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में बहस की मांग की गई।

लोकसभा में दिनभर हंगामा

मंगलवार सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस समेत कई दलों के सदस्य एसआईआर और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहे थे। इस बीच कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील की कि वे शांत रहें ताकि किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सके। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी सांसदों से आग्रह किया कि वे तख्तियां दिखाना और नारे लगाना बंद करें, क्योंकि यह संसद की गरिमा के खिलाफ है। हंगामा जारी रहने के चलते सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

दोपहर 12 बजे जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल पीठासीन अधिकारी थे। उन्होंने विपक्ष को सुझाव दिया कि वे अपने मुद्दे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में लिखित रूप में रखें। परंतु हंगामा थमता नहीं दिखा और कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दी गई। दोपहर 2 बजे जब सदन तीसरी बार चला, तो पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया ने विपक्ष से शांत रहने की अपील की, लेकिन सांसद वेल में पहुंचकर नारेबाजी करते रहे, जिसके कारण कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में भी गतिरोध बरकरार

राज्यसभा में भी विपक्षी दलों ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया, पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। जैसे ही सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी और प्रधानमंत्री की उपस्थिति में चर्चा की मांग की।

उपसभापति हरिवंश को दो बार सदन स्थगित करना पड़ा और अंततः दोपहर 2 बजे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच सीपीआई सांसद पी. संतोश कुमार ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के असामान्य इस्तीफे पर चर्चा की मांग की, लेकिन नियम 267 के तहत लाए गए सभी 12 स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिए गए।

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